कभी आज सोच सकते हैं कि कैलाश पर्वत के अंदर मनुष्य रहते हो फिर उसी डॉक्टर ने दावा किया कि कैलाश पर्वत असल में मानव निर्मित पिरामिड है जहां लगातार रहस्यमई चीजें होती रहती हो सकता है आपको यह बात है भी मनगढ़ंत लग रही हो लेकिन यकीन मानिए अंत तक  पढ़े आपको बताने वाले हैं कुछ ऐसे पुख्ता प्रमाण जिससे वैज्ञानिकों की भी नींद उड़ी हुई है एक रशिअन Dr Ernst Muldashev ने कुछ साल पहले कैलाश मानसरोवर की यात्रा की थी उसने दावा किया था कि कैलाश पर्वत वास्तव में प्राचीन मानव निर्मित पिरामिड है जो अनेक छोटे छोटे पिरामिड से घिरा हुआ है 

हिमालय पर्वत माला समुद्र की सतह से 6718 मीटर ऊँची कैलाश पर्वत को हिंदू बौद्ध और जैन धर्म के अनुयाई पवित्र मानते हैं आज तक कोई मनुष्य इस पवित्र पर्वत पर नहीं चल पाया जिसने भी चढ़ने की कोशिश की उसकी मृत्यु हो गई इस बारे में बहुत सी बातें प्रचलित है चीन की सरकार ने कैलाश पर्वत की धार्मिक संवेदनशीलता को देखते हुए पर्वतारोहियों पर अब पाबंदी लगा दी है इस पर पर्वतारोहण पूरी तरीके से बंद कर दिया गया है इसका कारण यह है कि 19 और 20 सदी के शुरू में कुछ पर्वतारोहियों ने इस पर चढ़ने की कोशिश की थी और वह गायब हो गए थे

Dr Ernst Muldashev ने अपने स्मरणो में लिखा है कि एक बार साइबेरियाई पर्वतारोही ने बताया था कि कुछ पर्वतारोही कैसे कैलाश पर्वत पर एक निश्चित बिंदु तक पहुंचे उसके बाद अचानक बूढ़े दिखने लगे इसके 1 साल बाद ही बुढ़ापे की वजह से उनकी मृत्यु हो गई थी प्रसिद्ध चित्रकार nicolai rerikh का विश्वास था कैलाश के आसपास के इलाके में एक शंबाला नाम का रहस्यमई राज्य है हिन्दू संप्रदाय इस शंबाला को कपापा के नाम से भी जानते हैं जहां सिद्धौर तपस्वी ही रहते हैं  

1999 में रूस के नेत्र रोग विशेषज्ञ Dr Ernst Muldashev  ने तय किया कि कैलाश पर्वत के रहस्य को खोलने के लिए उस इलाके में जाएंगे उनकी पर्वतारोहण में विज्ञान भौतिकी के विशेषज्ञ और इतिहासकार शामिल थे उन्होंने पवित्र कैलाश पर्वत के आसपास कई महीने बिताई खोजबीन करने के बाद उसकी की टीम निष्कर्ष पर पहुंची कि वास्तव में कैलाश पर्वत एक विशाल मानव निर्मित पिरामिड है जिसका निर्माण प्राचीन काल में किया गया था उन्होंने दावा किया कि छोटे छोटे पिरामिड से घिरा हुआ है और पेरालौकिक गतिविधियों का केंद्र है 

लौटने के बाद में लिखा कि रात की खामोशी में पहाड़ के भीतर से एक अजीब तरह की आवाज सुनाई देती है एक रात दोनों सहयोगियों के साथ मैंने साफसाफ पत्थरों के गिरने की आवाज सुनी थी आवाज कैलाश पर्वत के अंदर से रही थी हमें ऐसा लगा कि जैसे पिरामिड के अंदर कुछ लोग रहते हैं उन्होंने आगे कहा कि तिब्बत में लिखा हुआ है कि शंबाला एक अध्यात्मिक देश है जो कैलाश पर्वत के उत्तरपश्चिम में स्थित है वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस विषय पर चर्चा करना मेरे लिए मुश्किल है मैं पूरी सकारात्मकता से यह कह सकता हूं कि कैलाश पर्वत का इलाका सीधेसीधे पृथ्वी के जीवन से जुड़ा हुआ है जब हम निश्चित दो और पक्षियों के राज्य तथा पिरामिड और पत्थरों के दर्पण को मिलाकर एक नक्शा बनाया तो हमारे देखकर होश उड़ गए कि वह नक्शा जैसे डीएनए के अणु के स्थानिक संरचना का नक्शा था 

कैलाश पर्वत और उसके आसपास के वातावरण पर अध्ययन कर रहे हैं वैज्ञानिक निकोलाई और उनकी टीम ने तिब्बत के मंदिरों में धर्म गुरुओं से मुलाकात की उन्होंने बताया कि कैलाश पर्वत के चारों ओर अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है जिसमें तपस्वी आज भी आध्यात्मिक गुरुओं से संपर्क करते हैं